कम समय में मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर हो रही ठगी पर देहरादून पुलिस ने किया जागरूक | Good Reads

देहरादून पुलिस द्वारा किया गया फेसबुक पोस्ट- कम समय में मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर फर्जी कंपनियों/ सोसाइटी/ किट्टी कमेटी/ मल्टी लेवल मार्केटिंग आदि में लोगों को निवेश करने के लिए प्रेरित करने तथा निवेश के उपरांत रातो रात अपने कार्यालय को बंद कर निवेशित धनराशि को लेकर फरार हो जाने की कई घटनाएं प्रकाश में आई है।

अतः आम जनमानस से अनुरोध है कि कृपया इस प्रकार के किसी भी निवेश को करने से पूर्व नीचे दी गई बातों का विशेष ध्यान रखें।

 1️⃣ - कंपनियां / सोसायटियों / संस्थाओं द्वारा अधिक लाभ का लालच देकर / एफ.डी. / आर.डी. आदि स्कीमें चलाकर कर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर ब्रांच कार्यालय खोलकर धनराशि जमा करवाकर लाखों / करोड़ों रुपये जमा होने पर फरार हो जा रहे है । इसलिए किसी भी कंपनी / सोसायटी / वित्तीय अधिष्ठानों में पैसा निवेश करने से पूर्व पूर्ण जानकारी प्राप्त कर ले कि उक्त्त संस्थान अपनी स्कीमों के तहत की जा रही घोषणाओं सम्बन्धी कार्य करने के लिए अधिकृत है, कि नहीं ।

 2️⃣- गैर बैकिंग कंपनी ( एनबीएफसी ) उस कंपनी को कहते है, जो कंपनी अधिनियम 1956 के अन्तर्गत पंजीकृत हो, इसका मुख्य कारोबार उधार देना विभिन्न प्रकार के शेयरों / स्टॉक / बांड्स / डिबेचरों / प्रतिभूतियों, पट्टा कारोबार, किराया - खरीद ( हायर पर्चेज ), बीमा कारोबार, चिट सम्बन्धी कारोबार में निवेश करना तथा इसका मुख्य कारोबार किसी योजना अथवा व्यवस्था के अन्तर्गत एकमुश्त रूप से अथवा किश्तों में जमा राशियां प्राप्त करना है । 

3️⃣- एनबीएफसी आरबीआई से पंजीकृत हो तथा जमाराशि स्वीकार करने के लिए आरबीआई द्वारा विशेष रूप से प्राधिकृत हो । जमाकर्ताओं को जनता की जमाराशि स्वीकार करने वाली एनबीएफसी की सूची की जांच कर लेनी चाहिए और यह भी देख लेना चाहिए कि कहीं इसका नाम उन कंपनियों की सूची की जाँच कर लेनी चाहिए और यह भी देख लेना चाहिए की कही इसका नाम उन कम्पनीयो की सूची में तो शामिल नहीं है जिन्हें जमाराशियां स्वीकार करने के लिए प्रतिबन्धित किया गया है । 

4️⃣- जमाराशि स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत एनबीएफसी की सूची एवं जिनके विरुद्ध कानूनी मामले प्रचलित है कि सूची www.rbi.org.in -साईट मैप - एनबीएफसी लिस्ट पर उपलब्ध है । 

5️⃣- एनबीएफसी ने अपनी वैबसाईट पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राथमिकता से प्रदर्शित किया है । यह प्रमाण पत्र यह भी दर्शाता है कि एनबीएफसी जमाराशि स्वीकार करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से विशेष रूप प्राधिकृत है ।

 6️⃣- एनबीएफसी जमाकर्ताओं को 12.5 प्रतिशत वार्षिक से अधिक ब्याजदर अदा नहीं कर सकती ।

 7️⃣- जमाकर्ताओं द्वारा कंपनी से प्रत्येक जमाराशि की उचित रसीद की मांग अवश्य करनी चाहिए । जमा रसीद कंपनी के प्राधिकृत अधिकारी से विधिवत हस्ताक्षरित होनी चाहिए तथा उसमें जमा की तारिख जमाकर्ता का नाम, राशि अकों व शब्दों में देय ब्याज दर परिपक्वता की तारीख तथा राशि का उल्लेख होना चाहिए । 

8️⃣ - मनीसकुलेशन / पिरामिड आकार की योजनाओं और पोंजी योजनाओं के तहत धन स्वीकार करने की अनुमति नहीं है । इन योजनाओं के तहत धन स्वीकार किया जाना प्राइज चिट और मनी सर्कुलेशन ( प्रतिबंध ) अधिनियम 1978 के तहत संज्ञेय अपराध है और इसलिए प्रतिबंधित है । 

9️⃣ - अधिक ब्याजदर की पेशकश वाली योजनाओं / निवेश विकल्पों में निवेश करने से पहले निवेशक यह जॉच लें कि ऐसे प्रतिफल की पेशकश करने वाली कंपनी वित्तीय क्षेत्र के किसी नियामक के पास पंजीकृत हो और जमाराशि या अन्य रूप में जनता से धन स्वीकार करने के लिए अधिकृत हो । यदि निवेश पर प्रदान की जाने वाली ब्याज दर / रिटर्न की दर बहुत अधिक हो तो ऐसे मामलों में निवेशकों को प्रायः चौकस हो जाना चाहिए । आमतौर पर ऐसी संस्थाएं या तो उच्च जोखिम व्यापार में लिप्त होगी या उनका शुरू से ही धोखाधड़ी करने का इरादा रहेगा । अतः जनता पहले से ही सतर्क रहे कि अधिक ब्याजदर / प्रतिफल की पेशकश वाली योजनाओं में पैसा डुबने की संभावना अधिक है । 

🔟-म्यूचुअल फण्ड  ,कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम का संचालन  SEBI द्वारा  SEBI ACT 1992 के किया जाता है । Prize Chits and Money Circulation schemes ( Banning ) Act , 1978 न्यूचुअल फंड , कलेक्टिव इनवेस्टमेंट के अनुसार Money Circulation योजनाएं Multi - Level Marketing योजनाएं एवं Prize Chits पूरी तरह से प्रतिबंधित है । 

1️⃣1️⃣ -चिट्स का संचालन सदस्यों में आपस में होता है जो chit fund Act , 1982 के अधीन होता है जिसका पंजीकरण राज्य के Registrar of Firm , Societies and chits द्वारा होना अनिवार्य है । 

1️⃣2️⃣ - निधि कम्पनी / सोशल बेनिफिट कम्पनी भारत सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के निधि नियमों 2014 के अधीन कार्य कर सकती है । यह कंपनियां रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज ( एमसीए ) द्वारा पंजीकृत होती है । 

1️⃣3️⃣ - मल्टी स्टेट मल्टी पर्पज को ओपरेटिव सोसायटी / स्टेट कोओपरेटिव सोसायटी जनसामान्य से या नोमीनल सदस्यों से जमाराशि नहीं ले सकती हैं तथा इन्हें अपने अधिकृत कार्य करने के लिए राज्य के RCS ( state co - operative society ) से पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक है ।

1️⃣4️⃣  - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ( एनबीएफसी ) एक निश्चित सीमा तक जमा स्वीकार करने के लिए अधिकृत है, उक्त कंपनिया कम्पनी एक्ट 1956 / 2013 व आर.बी.आई एक्ट 1934 की धारा 45 आई ( सी ) के अन्तर्गत भारतीय रिजर्व बैंक के अधीन पंजीकृत होती है । 

1️⃣5️⃣ - अपंजीकृत व्यक्ति / संस्था और यदि वे जनसमान्य से निक्षेप लेती हैं तो उनके विरूद्ध UPID/RBI ACT/IPC/BUDS ACT 2019 के प्रावधानों के अधीन कार्यवाही की जाती है ।

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